निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए-
कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
लेखक ने प्रस्तुत उक्ति पानवाले के मुंह से कहलवाई है। वास्तव में हालदार साहब कैप्टन द्वारा नेताजी की मूर्ति पर अलग-अलग चश्मा लगाने का कारण जानने के बारे में उत्सुक थे। उन्होंने इस बारे में पानवाले से पूछा। तब पानवाले ने हालदार साहब को जो बातें उत्तर के रूप में बताईं वही प्रस्तुत उक्ति बनकर हमारे सामने आया है। पानवाले का उत्तर है-आप समझिये। चश्मा के दुकानदार कैप्टन के पास कोई चश्मा के मोटे फ्रेम की चाह रखने वाला ग्राहक आ गया होगा और वह फ्रेम कैप्टन के नेताजी की मूर्ति पर पहले ही अच्छा समझकर लगा दिया होगा। अब उसे ग्राहक की मांग पर उसे उसकी पसंद की मोटी फ्रेम वाला चश्मा भी उपलब्ध कराना था। अब वह चश्मा कहां से लाता? इसीलिये कैप्टन ने मूर्ति वाला मोटा फ्रेम उतारकर उस ग्राहक को दे दिया और नेताजी की मूर्ति पर उसने अपनी पसंद का दूसरा चश्मा लगा दिया।